हनुमान के पदचिह्न और सीता की अशोक वाटिका मिली भास्कर नैटवर्क Monday, October 15, 2007 08:14 [IST] नई दिल्ली. सेतु समुद्रम, राम सेतु, सरकार का हलफनामा और इस पर जारी राजनीतिक बयानबाजी के बीच शनिवार को एक समाचार चैनल पर भारतीय शोधकर्ता हरिंदर सिक्का ने दावा किया कि उसने रावण की लंका खोज निकाली है। साथ ही भगवान राम, सीता और हनुमान जी से जुड़े अहम प्रमाण भी जुटा लिए हैं।
श्रीलंका में मिली अशोक वाटिका पिछले कई सालों से इस विषय पर शोध कर रहे हरिंदर ने अयोध्या से लेकर श्रीलंका तक के बारे में रामायण में लिखी घटनाओं के प्रमाण जुटाए हैं। इस सिलसिले में वे श्रीलंका के सीता आलिया तक जा पहुंचे। सीता आलिया ही वह अशोक वाटिका है, जहां रावण ने सीता को बंदी बनाकर रखा था। इस स्थान पर भगवान राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान की 6000 साल पुरानी प्रतिमाएं हैं, जिनकी लोग पूजा करते हैं। इस परिसर के पीछे बने झरने के पास चट्टानों पर हनुमान के पैरों के निशान हैं।
छह हजार साल पुराने सबूत ऐसा बताया गया कि श्रीलंका के पुरातत्व विभाग प्रतिमाओं और पांवों के निशानों की जांच कर चुका है और इन्हें 6000 साल पुराना मान चुका है।
जली हुई लंका के अवशेषों पर शोधकर्ता ने बताया कि पानी की धारा के एक ओर मिट्टी काली है और मात्र 15 फुट की दूरी पर दूसरी तरह की पहाड़ी मिट्टी भूरे रंग की है। इस अंतर का कोई वैज्ञानिक कारण लोग अभी तक नहीं जुटा पाए हैं। इस इलाके में दशहरे पर रावण दहन नहीं होता है।
मानो तो सब चीजों के सबूत हैं। यदि श्रद्धा नहीं है तो फिर कुछ भी नहीं। -हरिंदर सिक्का, भारतीय शोधकर्ता |